Sunday, May 25, 2025

F.R.I.E.N.D.

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यूनिवर्सिटी का पहला दिन था...मन में एक अंजाना सा डर था, फिर शिवशक्ति ढाबा पर कई क्लासमेट्स के साथ उससे मुलाकात हुई, हल्की फुल्की बातें हुईं लेकिन न दोस्ती का कोई प्रस्ताव और न साथ निभाने वादा। फिर...


अब अपनी कविता मत कहो

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एक रात मुझसे जिंदगी करने लगी जिद नईकांधे पर रखकर अपना सरकहने लगी अब बस करोअब अपनी कविता मत कहोतुम्हारी कविताएं मुझे रिझाती हैंमन बहलाती हैंउदासी भी मिटाती हैंलेकिन माँ के साथ घर का काम करने सा सुख नहीं...


जीवन की अंधी दौड़ में

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जीवन की अंधी दौड़ मेंआगे निकलने की होड़ मेंकितने बिछड़े, कितने छूटेजाने कितनों ने छो़ड़ा मुझेजब भी चाहा देखूं मैं पीछे मुड़करहिम्मत ने साथ नहीं दियावो भी पीछे कहीं छूट गईहार मान ली उसने, शायदघड़ी भर दम...


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